बिहार एक समृद्ध और बहुमुखी परंपरा और संस्कृति में डूबा हुआ राज्य है। एक ऐसा राज्य जो प्राचीन भारतीय इतिहास की आधारशिला है। वह स्थान जहाँ बौद्ध, हिन्दू, जैन, सिख धर्म और सूफी की जड़े हैं। यह राज्य भारत को समृद्ध, अलौकिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक जीवन प्रदान करने के लिए जाना जाता है। बिहार निश्चित रूप से हर उस भारतीय के लिए एक आकर्षक पर्यटक स्थल है जो इतिहास और गौरव की अनुभूति रखता है।
बिहार का इतिहास हज़ारों साल पुराना है। बिहार राज्य का नाम रामायण और महाभारत के प्रसिद्ध कथाओं में भी पाया जाता है। मिथिला, जिसे माता सीता की जन्मभूमि कहा जाता है, बिहार पर्यटन के रामायण सर्किट का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है। महाभारत के प्रसिद्ध राजा जरासंध के बारे में भी कहा जाता है कि उसने मगध, बिहार से शासन किया था।
चाणक्य और अशोक जैसे प्रसिद्ध शख्सियतों का भी इस स्थान (बिहार) से गहरा नाता रहा है। बिहार ने कई राजवंशों का उत्थान और पतन देखा है। बिहार दो बहुत ही महत्वपूर्ण धर्मों (जैन धर्म और बौद्ध धर्म) के उत्पत्ति का स्थान रहा है। इन दो धर्मों के अलावा सिखों और सूफियों के अनुयायियों का भी यहाँ पर उत्कर्ष माना जाता है। पुरातन काल से बिहार ज्ञान और शिक्षा का केंद्र रहा है। 5वीं से 12वीं सदी तक दो प्रसिद्ध विश्वविद्यालय, नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय थें। दुनिया भर से छात्र यहाँ अध्यन और अध्यापन कार्य करने के लिए आते थें।
भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बिहार ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद , श्री कृष्ण सिंह, श्री सचिदानंद सिन्हा, श्री वीर कुंवर सिंह जैसे अनेक स्वतंत्रता सेनानियों की यह जन्मभूमि रही है। ब्रिटिश शासन के दौरान महात्मा गाँधी ने अंग्रेज़ों द्वारा नील किसानों के उत्पीड़न के खिलाफ चंपारण से सत्याग्रह आन्दोलन की शुरुआत की थी, जो भारत में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी द्वारा चलाया गया पहला अहिंसक आन्दोलन था।