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महाबोधि मंदिर, बोधगया में स्थित वह पवित्र स्थल है जहाँ गौतम बुद्ध को बोधिवृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। यह स्थल यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित किया गया है और बौद्ध धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में प्रमुख है।
मंदिर की वास्तुकला गुप्तकालीन शैली का उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसकी संरचना पिरामिडनुमा है और मध्य में 55 मीटर ऊँचा मुख्य स्तूप स्थित है। मंदिर परिसर में बोधिवृक्ष, ध्यान स्थान, और अनेक बौद्ध देशों के विहार स्थित हैं। यहाँ प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं, विशेषकर बुद्ध पूर्णिमा और कथिना पर्व के अवसर पर। मंदिर का शांत वातावरण, मंत्रोच्चार और दीपों की रोशनी दर्शकों को आध्यात्मिक अनुभव से भर देता है।
महाबोधि मंदिर एक स्थान है, विशेष रूप से बौद्ध अनुयायियों, शोधकर्ताओं और उन सभी के लिए जो शांति और आत्मज्ञान की तलाश में हैं।
एक नज़र में
यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल बोधगया में महाबोधि मंदिर उस स्थान को चिह्नित करता है जहां भगवान बुद्ध ने बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त किया था। मंदिर परिसर में कई स्तूप, मठ और ध्यान उद्यान शामिल हैं जो एक शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक वातावरण प्रदान करते हैं। यह एक वैश्विक बौद्ध तीर्थ केंद्र के रूप में कार्य करता है, जो दुनिया भर के भिक्षुओं, विद्वानों और यात्रियों को आकर्षित करता है।
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: सितंबर से अप्रैल।
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स: मोबाइल, कैमरा, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स निषिद्ध।