विक्रमशिला डॉल्फिन अभ्यारण्य, भागलपुर जिले में गंगा नदी के मध्य सुल्तानगंज से कहलगांव तक फैला हुआ भारत का पहला और प्रमुख गंगा डॉल्फिन आरक्षित क्षेत्र है।
यह स्थल विशेष रूप से गंगा डॉल्फिन की संरक्षण योजना के तहत विकसित किया गया है, जिसे भारत सरकार ने राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया है। यहाँ डॉल्फिन की मस्ती, कूदते हुए दृश्य, और जल जीवन की विविधता देखने लायक होती है। साथ ही यहाँ पक्षियों की अनेक दुर्लभ प्रजातियाँ भी पाई जाती हैं। पर्यटक यहाँ बोट सफारी, बर्ड वॉचिंग, और प्राकृतिक फोटोग्राफी का आनंद लेते हैं। पास में स्थित विक्रमशिला विश्वविद्यालय खंडहर इस क्षेत्र को ऐतिहासिक महत्व भी प्रदान करता है।
विक्रमशिला डॉल्फिन अभ्यारण्य एक स्थल है, जहाँ जल, जीवन और जैव विविधता का अद्भुत तालमेल मिलता है। यह छात्रों, शोधकर्ताओं, और पर्यावरण प्रेमियों के लिए अध्ययन और आनंद का उत्तम केंद्र है।
एक नज़र में
लुप्तप्राय गंगा डॉल्फिनों के संरक्षण के लिए समर्पित एक अद्वितीय अभयारण्य। गंगा के साथ फैला हुआ, अभयारण्य अपने प्राकृतिक आवास में इन दुर्लभ प्राणियों का निरीक्षण करने के लिए नाव की सवारी और निर्देशित पर्यटन प्रदान करता है। यह एक महत्वपूर्ण पारिस्थितिक स्थल है और वन्यजीव उत्साही लोगों के लिए एक स्वर्ग है।
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: सितंबर से अप्रैल।
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स: मोबाइल, कैमरा, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की अनुमति है।