कैमूर हिल्स लगभग 483 किलोमीटर लंबी विंध्य पहाड़ियों का पूर्वी भाग है, जो मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में कटंगी से बिहार के सासाराम जिले के आसपास तक फैला हुआ है। विंध्य पहाड़ियों ने सबसे प्राचीन काल से मानव गतिविधियों को आश्रय दिया है| यह पहाड़ियां जो भारतीय उप-महाद्वीप में अरावली के साथ सबसे पुरानी चट्टान संरचनाओं में से एक हैं, मुख्य रूप से पुरानी आग्नेय चट्टानों से मिलकर बनती हैं, जो यहां उनके शानदार रूपों और सुंदर आकारों में देखी जाती हैं| यहाँ पर बहने वाली नदियां दुर्गम और ऊंचे घाटियों से हो कर गुजरती हुई , कई अनोखे जलप्रपात का निर्माण करती है| मानसून के समय इन जलप्रपातों की अलौकिक खूबसूरती और दुर्गम घाटियों के विहंगम दृश्य यहाँ के वातावरण को सुकून और रोमांच से भर देते है|
वैसे तोह अतीत के पन्नो में इस घाटी की शौर्य गाथा के अनेको उल्लेख मिल जायेंगे परन्तु मध्ययुगीन इतिहास के दौरान खोजे गए शिलालेखों और उपलब्ध दस्तावेज, इसके गौरव और महिमा की पुष्टि करते है जो आज भी लोगों के बीच लोकप्रिय रूप से प्रचलित है । इन पहाड़ियों पर पाए जाने वाले पौराणिक अवशेष , संरक्षित किले , हिन्दू देवी देवताओं के पौराणिक और रहस्यमय मंदिर इस घाटी की लोकप्रियता को और भी खूबसूरत बनाते है| प्रकृति प्रेमियों के लिए यह जगह स्वर्ग से कम नहीं है| यह स्थान पर्यटकों को उन्हें प्रकृति के करीब होने का एहसास कराता है|
कैमूर घाटी की जैव विविधता, तरह तरह के पंछी ,अनेको जंगली जानवर , मूल्यवान आयुर्वेदिक औषधियां , रहस्य्मय मंदिर, दुर्गम किले ,प्राकृतिक जलप्रपात पर्यटकों के सफर को उत्साहित , अनूठा और रोमाँचित बनाता है|
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