मोरवारा, बिहार के समस्तीपुर जिले में स्थित एक प्राचीन गांव है, जो मिथिला क्षेत्र की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक विरासत से जुड़ा हुआ है। यह क्षेत्र राजा जनक की राजधानी जनकपुर से निकटता के कारण विशेष महत्व रखता है।
माना जाता है कि यह स्थान सीता माता की जीवन यात्रा से जुड़ा हुआ है और यहाँ विभिन्न स्थल उनकी स्मृति को समर्पित हैं। मोरवारा का माहौल पारंपरिक मैथिली संस्कृति, लोकगीत, पर्व और आस्था से ओतप्रोत है। यहाँ पर स्थानीय मेले, सोहर, समदाउन, और मिथिला पेंटिंग का जीवंत प्रदर्शन देखने को मिलता है। धार्मिक दृष्टि से यहाँ देवी-देवताओं के कई प्राचीन मंदिर भी हैं।
मोरवारा एक विशेष स्थान है, विशेषकर उन पर्यटकों के लिए जो बिहार की पारंपरिक संस्कृति, लोक जीवन और धार्मिक आस्था को करीब से देखना चाहते हैं।
एक नज़र में
मोरवारा एक सुंदर ग्रामीण क्षेत्र है, जो हरे-भरे खेतों और छोटी पहाड़ियों के लुभावने दृश्य पेश करता है। यह क्षेत्र लोककथाओं और सांस्कृतिक विरासत में समृद्ध है।
यह एक ऑफबीट यात्रा गंतव्य है जहां आगंतुक अछूते परिदृश्य का पता लगा सकते हैं और प्रामाणिक गांव के जीवन का अनुभव कर सकते हैं।
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: सितंबर से अप्रैल।
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स: मोबाइल, कैमरा, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की अनुमति है।