मैं बिहार राज्य के पूर्वी जिले सहरसा से 35 किलोमीटर दूर स्थित सोनबरसा राज प्रखंड का मैथिलीवासी हूं। छोटा- सा प्रखंड होने के बावजूद सोनबरसा अपने- आप में कई महत्वपूर्ण स्थान को सिमटे बैठा है, जहां अद्भुत वास्तुकला का नमूना भी खूब देखने को मिलता है। प्रकृति की गोद में बस राजा हरि बल्लभ नारायण सिंह का महल अपने स्वर्णिम इतिहास को दर्शाता है। महल की सबसे खास बात यह है कि महल बिना बालू- सीमेंट के सिर्फ खारिया और कत्थे से बना है। किला लगभग 300 साल पुराना है जो राजा हरि बल्लभ के द्वारा कोलकाता से मंगवाए गए कारीगरों के द्वारा निर्मित है। दो मंजिली किले में चार छोटे-छोटे गुंबद बनाए गए जो पर्यटकों को दूर से ही अपनी और आकर्षित करती है। महल में खुफिया कैमरा और शाही पेंटिंग भी खूब भाती है। राज भवन के पीछे बहने वाली नदी इसकी सुंदरता को निकालने में कोई कसर नहीं छोड़ती है। सरकार की उदासीनता का कारण बनी यह राजभवन अपनी भाव अस्तित्व खोती ही जा रही है। जरूरत है सरकार को अपना नजरिया बदलने की जिससे न केवल पर्यटन स्थल के रूप में पहचान मिलेगी बल्कि रोजगार के अवसर पर मिलेंगे।
सहरसा
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