दरभंगा जिला सदर अनुमंडल के अंतर्गत अहियारी गाँव है , जो अहिल्या स्थान के नाम से विख्यात है| कमतौल रेलवे स्टेशन से उतरकर यहाँ पंहुचा जाता है| यह स्थान सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी से ४० किलोमीटर पूर्व में स्थित है| लोगों का मानना है की जिस प्रकार गौतम ऋषि के श्राप से पत्थर बानी अहिल्या का उद्धार जनकपुर जाने के क्रम में त्रेता युग में राम जी ने ऋषि विस्वामित्र की आज्ञा से, अपने चरण से किया था और उनके स्पर्श से पत्थर बानी अहिल्या में जान आ गयी थी | उसी तरह जिस व्यक्ति के शरीर में अहिला होता है वे रामनवमी के दिन गौतम और अहिल्या स्थान कुंड में स्नान कर अपने कंधे पर बैंगन का भार लेकर मंदिर आते हैं और बैंगन का भार चढ़ाते हैं तो उन्हें अहिला रोग से मुक्ति मिलती है , अहिला इंसान के शरीर के किसी भी बाहरी हिस्से में हो जाता है , जो देखने में मस्से जैसा लगता है|
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