पटना कलम भारतीय चित्रकला की एक अद्भुत शैली है जो वर्तमान समय में भी बहुत लोकप्रिय है। यह पेंटिंग की दुनिया का पहला स्कूल था जिसने विशेष रूप से आम लोगों की जीवन शैली को परिभाषित किया था। यह चित्र लगभग 200 वर्षों से अस्तित्व में है और आज भी उतना ही लोकप्रिय है।
पटना कलम को 18 वीं शताब्दी में मुगल कलाकारों द्वारा बनाया गया था और इस कलाकृति के मुख्य खरीदार ब्रिटिश थे जो इसे पटना से स्मृति चिन्ह के रूप में खरीदते थे। यह पेंटिंग आज भी खास है और उसकी पेंटिंग की प्रक्रिया को "कजली स्याही" कहा जाता है।
एक नज़र में
पटना कलम बिहार में विकसित चित्रकला के अद्वितीय स्कूल को संदर्भित करता है, जो मुगल और फारसी कला शैलियों का मिश्रण है।
एक नज़र में
पटना कलम बिहार में विकसित चित्रकला के अद्वितीय स्कूल को संदर्भित करता है, जो मुगल और फारसी कला शैलियों का मिश्रण है।