हजरत बीवी कमाल का मकबरा, एक प्रसिद्ध सूफी संत का स्मारक है। बीवी कमाल एक महान महिला सूफी संत थीं, जिन्होंने समाज में प्रेम, करुणा और आध्यात्मिक एकता का संदेश फैलाया।
इस मकबरे की स्थापत्य शैली इस्लामी और स्थानीय परंपराओं का सुंदर मिश्रण है। यहाँ हर वर्ष उर्स के अवसर पर दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। विशेषकर मुस्लिम समाज के साथ-साथ अन्य धर्मों के लोग भी यहाँ माथा टेकने आते हैं, जो इसे सर्वधर्म समभाव का प्रतीक बनाता है। मकबरे का शांत वातावरण, हरे-भरे वृक्ष, और दीवारों पर उकेरी गई सूफी शायरी मन को गहराई से छूती है। हजरत बीवी कमाल का मकबरा एक स्थल है, जहाँ आप सूफी परंपरा, महिला संतों के योगदान और आध्यात्मिक शांति का अनुभव कर सकते हैं।
हरषु ब्रह्मा मंदिर
हरषु ब्रह्मा मंदिर, बिहार में स्थित एक अत्यंत प्राचीन मंदिर है, जो भगवान ब्रह्मा को समर्पित दुर्लभ मंदिरों में से एक है। मान्यता है कि यहाँ ब्रह्मा जी ने यज्ञ किया था और इस स्थल का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है। मंदिर की वास्तुकला पारंपरिक है, जिसमें प्राचीन मूर्तियाँ और यज्ञ कुंड विद्यमान हैं। यह मंदिर न केवल पूजा-अर्चना का केंद्र है, बल्कि वैदिक अध्ययन, हवन, और शांति अनुष्ठानों के लिए भी प्रसिद्ध है।
यहाँ ब्रह्मा पूजा विशेष महत्व रखती है और हर वर्ष ब्रह्म महोत्सव का आयोजन होता है। स्थानीय लोग इसे धार्मिक चेतना का केंद्र मानते हैं। हरषु ब्रह्मा मंदिर एक स्थल है, जो धर्म, परंपरा और पुरातनता को आत्मसात करने का अवसर प्रदान करता है।
एक नज़र में
बीव कमल को समर्पित एक सूफी मंदिर, आशीर्वाद और शांति की मांग करने वाले भक्तों को आकर्षित करता है। मकबरा एक महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है जो बिहार की सूफी परंपराओं को दर्शाता है।
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: सितंबर से अप्रैल।
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स: मोबाइल, कैमरा, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की अनुमति है।