मूचालिंडा सरोवर, बोधगया में स्थित एक पवित्र स्थल है, जहाँ भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्ति के छठे सप्ताह में ध्यान किया था। मान्यता है कि जब एक विशाल तूफान आया, तब नागराज मूचालिंडा ने अपने फन फैलाकर बुद्ध की रक्षा की थी।
आज भी यह सरोवर श्रद्धा और शांति का प्रतीक है। सरोवर के मध्य में बुद्ध की ध्यानस्थ प्रतिमा है, जिसके चारों ओर नागराज की मूर्ति फन फैलाए खड़ी है। यह दृश्य आध्यात्मिकता और समर्पण का अद्भुत प्रतीक है। यहाँ का शांत वातावरण, हरे-भरे वृक्ष और जल की नीरवता ध्यान और आत्मचिंतन के लिए उपयुक्त है। विदेशी पर्यटक यहाँ ध्यान साधना करने विशेष रूप से आते हैं।
मूचालिंडा सरोवर एक स्थल है, जो बुद्ध की करुणा, प्रकृति से जुड़ाव और आस्था का जीवंत प्रतीक है। पास में महाबोधि मंदिर, सजाता मंदिर, और कई बौद्ध विहार भी दर्शनीय हैं।
एक नज़र में
मूचालिंडा सरोवर एक पवित्र तालाब है, जहां पौराणिक कथा के अनुसार, नाग राजा मुग़लिंडा ने बुद्ध को एक तूफान से बचाया था, जबकि उन्होंने ध्यान किया था। यह आगंतुकों के लिए एक शांत जगह है।
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: सितंबर से अप्रैल।
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स: मोबाइल, कैमरा, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की अनुमति है।