विष्णुपद मंदिर, गया शहर में फल्गु नदी के किनारे स्थित एक अत्यंत प्राचीन और पवित्र मंदिर है, जिसे भगवान विष्णु के पदचिह्न के ऊपर बनाया गया है।
माना जाता है कि यहीं भगवान विष्णु ने गयासुर नामक राक्षस को मोक्ष प्रदान किया था और उनके चरणचिन्ह आज भी शिला पर अंकित हैं। मंदिर का वर्तमान ढांचा मराठा महारानी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा 18वीं शताब्दी में बनवाया गया था। मंदिर का शिखर, पत्थरों की नक़्क़ाशी, और चरणपादुका अत्यंत दर्शनीय हैं। यहाँ पिंडदान करने की परंपरा है, जिसे पितरों की मुक्ति हेतु अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। श्राद्ध पक्ष में लाखों श्रद्धालु यहाँ आते हैं और फल्गु नदी के तट पर पूजा करते हैं।
विष्णुपद मंदिर एक तीर्थस्थल है, जहाँ श्रद्धा, पुरातत्व, और आध्यात्मिक शांति का अद्भुत मेल है। पास में मंगला गौरी मंदिर, ब्रह्मयोनि पर्वत, और महाबोधि मंदिर भी दर्शनीय हैं।
एक नज़र में
गया में स्थित, विष्णुपद मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित एक प्राचीन हिंदू मंदिर है। यह विष्णु के पवित्र पदचिह्न के लिए प्रसिद्ध है, जो एक चट्टान में निहित है। यह मंदिर “पिंड दान” करने के लिए भी एक प्रमुख स्थल है, जो पूर्वजों के उद्धार के लिए एक हिंदू अनुष्ठान है। मंदिर का नदी के किनारे का स्थान और वास्तुकला की भव्यता इसे एक आवश्यक आध्यात्मिक गंतव्य बनाती है।
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: सितंबर से अप्रैल।
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स: मोबाइल, कैमरा, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स निषिद्ध।