जहानाबाद का उल्लेख मुगल बादशाह अकबर के दरबार इतिहासकार और कवि अबुल फजल द्वारा लिखे गए 'आइन-ए-अकबरी' में किया गया है। इसमें कहा गया है कि 17वीं शताब्दी में मुगल बादशाह औरंगजेब ने इस स्थान पर अकाल प्रभावित लोगों के लिए एक राहत केंद्र की स्थापना की और इसे 'जहांआरा' नाम दिया। औरंगजेब की बहन खुद जहांआरा मंडी की देखरेख करती थी और इस स्थान पर काफी समय बिताती थी। बाद में यह इलाका जहानाबाद के नाम से जाना जाने लगा।