माँ मुंडेश्वरी मंदिर, कैमूर जिले के पवरा पहाड़ी पर स्थित एक अद्भुत शक्ति पीठ है, जिसे भारत का सबसे प्राचीन जीवित मंदिर माना जाता है। इसका निर्माण लगभग 108 ईस्वी में हुआ था, जो इसे स्थापत्य और आस्था दोनों दृष्टियों से अद्वितीय बनाता है।
मंदिर में देवी मुंडेश्वरी की आठभुजी प्रतिमा विराजमान है, जिनकी पूजा शक्ति, सुरक्षा और सिद्धि के लिए की जाती है। साथ ही यहाँ एक शिवलिंग भी स्थापित है, जिससे यह मंदिर शैव और शक्त दोनों संप्रदायों का संगम बन जाता है। इस अष्टकोणीय मंदिर की वास्तुकला, शिल्पकला और पहाड़ी पर स्थित इसे अत्यंत दर्शनीय बनाती है। नवरात्र, वसंत पंचमी, और महाशिवरात्रि पर यहाँ हजारों श्रद्धालु दर्शन हेतु आते हैं।
माँ मुंडेश्वरी मंदिर एक स्थल है, जहाँ आस्था, इतिहास और प्रकृति एक साथ दिखाई देते हैं।
एक नज़र में
भारत में सबसे पुराना कार्यात्मक मंदिर माना जाता है, जो गुप्त काल (4 वीं-5 वीं शताब्दी ईस्वी) से वापस आता है। कैमूर का यह अष्टकोणीय मंदिर देवी मुंडेश्वरी (दुर्गा का एक रूप) और भगवान शिव को समर्पित है। इस साइट पर प्राचीन हिंदू अनुष्ठानों और परंपराओं का विवरण देने वाले शिलालेख भी शामिल हैं।
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: सितंबर से अप्रैल
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स: मोबाइल, कैमरा, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की अनुमति