बड़ी दरगाह, बिहार के नालंदा जिले के बिहार शरीफ में स्थित एक प्रमुख सूफी तीर्थ स्थल है, जो महान सूफी संत हज़रत मखदूम शर्फ़ुद्दीन अहमद याह्या मनेरी की मजार के रूप में जानी जाती है। यह दरगाह मुस्लिम आस्था का केंद्र तो है ही, साथ ही यह धार्मिक सहिष्णुता और भाईचारे का भी प्रतीक है।
यहाँ सालाना उर्स के अवसर पर देशभर से हजारों श्रद्धालु आते हैं, जिनमें सभी धर्मों के लोग शामिल होते हैं। दरगाह परिसर में न सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान होते हैं, बल्कि सूफी कव्वालियाँ और आध्यात्मिक संगीत की प्रस्तुतियाँ भी होती हैं।
बड़ी दरगाह की वास्तुकला में इस्लामी और भारतीय शैली का सुंदर समन्वय देखने को मिलता है। शांत वातावरण, हरे-भरे परिसर और श्रद्धालुओं की आस्था इसे खास बनाते हैं।
बड़ी दरगाह एक “must visit” स्थल है, खासकर उन पर्यटकों के लिए जो बिहार की सूफी परंपरा और धार्मिक विविधता को महसूस करना चाहते हैं।
एक नज़र में
बड़ी दरगाह एक सूफी मंदिर है, जो अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा और वार्षिक उर्स त्योहार के लिए भक्तों को आकर्षित करता है।
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: सितंबर से अप्रैल।
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स: मोबाइल, कैमरा, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की अनुमति है।