ब्रह्मकुंड, बिहार के राजगीर में स्थित एक पवित्र गरम जल कुंड है, जिसका उल्लेख महाभारत, बौद्ध ग्रंथों और जैन साहित्य में भी मिलता है। यह कुंड भगवान ब्रह्मा से जुड़ा है और कहा जाता है कि उन्होंने यहीं स्नान कर यज्ञ किया था।
यह कुंड सदैव गरम जल से भरा रहता है और इसका तापमान लगभग 45-50°C रहता है। मान्यता है कि इसका जल रोगनाशक और शुद्धिकरण में सहायक होता है। यहां स्नान करने से मन और शरीर दोनों की शुद्धि होती है।
ब्रह्मकुंड के चारों ओर झरने, छोटे मंदिर, और स्नान घाट बने हैं। विशेष अवसरों पर जैसे मकर संक्रांति और कुंड स्नान पर्व पर हजारों श्रद्धालु यहाँ स्नान के लिए आते हैं।
ब्रह्मकुंड जो राजगीर की धार्मिक, प्राकृतिक और सांस्कृतिक विविधता का केंद्र है। समीपवर्ती स्थल विश्व शांति स्तूप, सोन भंडार गुफा, गृद्धकूट पर्वत, और वेनुवन उद्यान भी यात्रा को और समृद्ध बनाते हैं।
एक नज़र में
ब्रह्मकुंड एक गर्म पानी का झरना है जो राजगीर में स्थित है, जो अपने औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है। ऐसा माना जाता है कि ब्रह्मा, निर्माता ने इस वसंत को आशीर्वाद दिया, इसे ब्रह्मकुंड नाम दिया। वसंत का तापमान पूरे वर्ष उच्च रहता है, जिससे यह तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय आकर्षण बन जाता है।
भक्त पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं, मानते हैं कि यह आत्मा को शुद्ध करता है और बीमारियों को ठीक करता है। ब्रह्मकुंड के चारों ओर हिंदू देवताओं को समर्पित कई मंदिर हैं, जो इसके आध्यात्मिक वातावरण को बढ़ाते हैं। यह स्थान धार्मिक त्योहारों के दौरान विशेष रूप से भीड़भाड़ वाला है जब हजारों लोग अनुष्ठान और प्रार्थना करने के लिए इकट्ठा होते हैं।
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: सितंबर से अप्रैल।
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स: मोबाइल, कैमरा, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की अनुमति है।