संत के रूप में पूजनीय मलिक बाया की कब्र की सुनियोजित सादगी उनके परोपकार और अध्यात्म की गवाही के रूप में खड़ी है ।
पीर पहाड़ी पहाड़ियों के ऊपर स्थित, इब्राहिम मल्लिक बाया का मकबरा लगभग 600 साल पहले बनाया गया था। इब्राहिम मल्लिक 1339 ईसवी के आसपास भारत आया और दिल्ली सुल्तान मोहम्मद तुगलक के अधीन एक जनरल के रूप में कार्य किया और कई लड़ाइयाँ जीतीं। उनके कई सफल अभियानों के लिए उन्हें सुल्तान के दरबार से बाफिया की उपाधि से सम्मानित किया गया था। वह अपने आध्यात्मिक कार्यकाल के लिए भी जाने जाते थे। उनके समाधि के आसपास की प्राकृतिक सुंदरता एवं तरह तरह के पंछियों की चंचाहट वातावरण को मंत्रमुग्ध बनाते है| अच्छी सड़के होने से आप सीधे अपने निजी वाहन द्वारा पहाड़ी की चोटी पर पहुंच सकते है| उर्स एवं ईद के मौके पर यहाँ काफी ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है|
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