जल मंदिर पावापुरी में स्थित है| यह स्थान भगवान महावीर के निर्वाण प्राप्ति के लिए विख्यात है|यह मंदिर जैन धर्म के अनुयायिओं के लिए अति पवित्र माना जाता है|
जल मंदिर (शाब्दिक जल मंदिर) उस स्थान को चिह्नित करता है जहां भगवान महावीर का अंतिम संस्कार किया गया था। कहा जाता है कि उनके अंतिम संस्कार की चिता से राख की बड़ी मांग थी| जल मंदिर जैसा कि नाम से पता चलता है कि कमल के साथ खिलने वाली झील के बीच में एक मंदिर है । सुंदर मंदिर का मुख्य देवता भगवान महावीर की बहुत पुरानी "चरण पादुका" है। यह उस स्थान का प्रतीक है जहां भगवान महावीर के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया था । मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण भगवान महावीर के बड़े भाई राजा नंदीवर्धन ने करवाया था , जिसका समय-समय पर जीर्णोद्धार होता रहा है। वर्तमान संरचना संगमरमर से बनी है और कमल के फूल से भरे तालाब के बीचों बीच है। यह मंदिर लाल बलुआ पत्थर से बने 600 फीट लंबे पुल के माध्यम से सुलभ है। मंदिर के अंदर भगवान महावीर और उनके शिष्यों के पैरों के निशान हैं। इस मंदिर के शांत एवं मनोरम वातावरण मन को भाव विभोर कर देते है |
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