महाभारत का महाकाव्य राजा जरासंध को एक महत्वपूर्ण चरित्र बताता है जिसका कष्टमय शासन तब समाप्त हुआ जब भीम (दूसरे पांडव भाई) ने उसे इस स्थान पर मार डाला ।
कुख्यात जरासंध की कथा के अनुसार 99 राजाओं को पराजित कर उन्हें बलि के रूप में पेश करने के लिए कैद कर लिया गया था। चूंकि वह एक ताकतवर और अजेय पहलवान थे, इसलिए वह राजाओं को चुनौती देते थे कि वे अपने कुश्ती चौक पर उनके साथ कुश्ती करें । जरासंध की भयावह योजना को समाप्त करने के लिए कृष्ण ने भीमा को सलाह दी कि वह जरासंध को मारने के लिए द्वंद्वयुद्ध में उसे छल करे । इस स्थान को कुख्यात जरासंधा के द्वंद्वयुद्ध के लिए पौराणिक मंच माना जाता है।
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