रोहतास गढ़ का किला बिहार के रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम से लगभग 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। २८ वर्ग मील क्षेत्र में फैले इस किले में कुल 83 दरवाजे हैं, जिनमें चार मुख्य दरवाजे घोड़ाघाट, राजघाट, कठौतिया घाट व मेढ़ा घाट है। प्रवेश द्वार पर निर्मित हाथी, दरवाजों के बुर्ज, दीवारों पर उकेरी हुई अद्भुत कलाकृतियां किले की भव्यता का एहसास कराती है। किले में मौजूद विभिन्न इमारतें जैसे की रंगमहल, शीश महल, पंचमहल, खूंटा महल, आइना महल, रानी का झरोखा, मानसिंह की कचहरी आज भी किले का अस्तित्व जीवित होने का एहसास कराती हैं। यहाँ पहुंचने के लिए घने जंगलों और ऊँचे पर्वत को पार कर के आना पड़ता है जो इस यात्रा को और भी रोमांचक बनाता है| यह किला साहस, शक्ति और सोन घाटी की सर्वोच्चता के प्रतीक के रूप में खड़ा है. रोहतासगढ़ किले में कई ऐसे स्थान हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. रोहतासगढ़ जलप्रपातों (झरनों) के लिए भी प्रसिद्ध है, जो कैमूर की पहाड़ियों से पूर्व की ओर गिरते हैं और सोन नदी में मिल जाते हैं. रोहतासगढ़ में कई स्थान ऐसे हैं जिन्हें देख कर आनंद और आश्चर्य दोनों होता है| इतिहास के पन्नों में इस किले का अस्तित्व खोजा जाए तो समय के साथ इस किले के शासक भी बदलते गए है| यह किला राजा हरिश्चंद्र के राज से लेकर अंग्रेजों के अधीन तक रहा है|
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