साइक्लोपियन वॉल, बिहार के राजगीर में स्थित एक प्राचीन सुरक्षा दीवार है, जो मौर्य वंश के कालखंड में बनी थी। यह दीवार 6 फीट चौड़ी और 40 किमी तक फैली हुई है तथा बिना गारे या सीमेंट के, केवल बड़े पत्थरों को जोड़कर बनाई गई है।
इस दीवार का निर्माण राजगृह (वर्तमान राजगीर) की रक्षा के लिए किया गया था और इसे विश्व की सबसे पुरानी सैन्य दीवारों में गिना जाता है। इसकी बनावट ‘साइक्लोपियन’ शैली में है, जिसका उपयोग प्राचीन ग्रीस और रोम में भी देखा जाता है। इस दीवार के अवशेष आज भी जंगलों और पहाड़ियों में देखे जा सकते हैं, जो पर्यटकों, इतिहास प्रेमियों और पुरातत्वविदों के लिए अत्यंत आकर्षक हैं। साइक्लोपियन वॉल एक स्थल है, जो बिहार की प्राचीन स्थापत्य कला, सुरक्षा रणनीति और शासकीय व्यवस्था की उत्कृष्टता को दर्शाता है। यह स्थान ट्रेकिंग और इतिहास अध्ययन के लिए भी आदर्श है।
एक नज़र में
राजगीर में साइक्लोपियन वॉल एक प्राचीन रक्षात्मक दीवार है जिसे लगभग 2500 साल पहले मगध साम्राज्य द्वारा बनाया गया था। 40 किमी से अधिक की विशाल संरचना का निर्माण मोर्टार के बिना ढेर किए गए बड़े बिना पत्थरों का उपयोग करके किया गया था, जो अविश्वसनीय इंजीनियरिंग कौशल का प्रदर्शन करता था। यह राजगृह शहर (मगधा की तत्कालीन राजधानी) के लिए एक सुरक्षात्मक बाधा के रूप में कार्य करता था।
अपनी उम्र के बावजूद, दीवार के कुछ हिस्से अभी भी खड़े हैं, जो प्राचीन भारत के वास्तुशिल्प कौशल में एक झलक प्रदान करते हैं। इतिहास और पुरातत्व में रुचि रखने वाले आगंतुक प्राचीन काल में राजगीर के रणनीतिक महत्व को समझने के लिए अवशेषों का पता लगाते हैं। दीवार, जो अब काई और वनस्पति से ढकी हुई है, प्राकृतिक परिदृश्य में मूल रूप से मिश्रित होती है, जिससे यह एक सुंदर ऐतिहासिक स्थल बन जाता है।
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: सितंबर से अप्रैल।
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स: मोबाइल, कैमरा, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की अनुमति है।