मनियार मठ, बिहार के राजगीर में स्थित एक रहस्यमयी और ऐतिहासिक स्थल है, जो नाग पूजा और शक्ति साधना के लिए प्राचीन काल से प्रसिद्ध है। यह मठ एक गोलाकार ईंट संरचना है, जिसकी निर्माण शैली मौर्यकालीन प्रतीत होती है।
माना जाता है कि यह मठ मणिनाग देवी को समर्पित है और यहाँ गुप्त साधना व यज्ञ हुआ करते थे। खुदाई में यहाँ कई शिलालेख, धातु प्रतिमाएँ और सांपों की आकृतियाँ प्राप्त हुई हैं, जो इसके धार्मिक महत्व को दर्शाती हैं। मठ के भीतर एक गहरी गुफा नुमा संरचना है, जिसे लेकर कई किंवदंतियाँ प्रचलित हैं। पर्यटक यहाँ रहस्यमय वातावरण, पुरातन ईंट कला और नाग-संस्कृति का अनुभव प्राप्त करते हैं।
मनियार मठ एक स्थल है, खासकर उन पर्यटकों के लिए जो भारत के रहस्य, तांत्रिक परंपरा और पुरातत्व में रुचि रखते हैं। पास ही सोन भंडार गुफा, गृद्धकूट पर्वत, और शांति स्तूप भी दर्शनीय हैं।
एक नज़र में
मणीर मत्थ एक प्राचीन मंदिर है जो नाग देवता नागा को समर्पित है, जो राजगीर में स्थित है। पुरातात्विक साक्ष्य बताते हैं कि यह मूल रूप से एक हिंदू स्थल में परिवर्तित होने से पहले एक बौद्ध मठ था। मंदिर में नागाओं (सर्पेंट देवताओं) की कई मूर्तियां हैं, और इसके भूमिगत कक्ष रहस्य को जोड़ते हैं।
यह स्थल हिंदू और बौद्ध अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण है, और समृद्धि और सुरक्षा के लिए आशीर्वाद लेने के लिए यहां कई अनुष्ठान किए जाते हैं। मंदिर का अनूठा इतिहास और मूर्तियां इसे देखने के लिए एक दिलचस्प जगह बनाती हैं।
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: सितंबर से अप्रैल।
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स: मोबाइल, कैमरा, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की अनुमति