पिपला गुफा, बिहार में स्थित एक कम प्रसिद्ध लेकिन अत्यंत रहस्यमय और दर्शनीय स्थल है। यह गुफा घने जंगलों और पहाड़ियों के बीच स्थित है।
गुफा में प्राकृतिक रूप से बने खंभे, चट्टानों की आकृतियाँ और अंदर की ठंडी जलवायु पर्यटकों को आश्चर्यचकित करती है। वर्षा ऋतु में यह स्थान और भी सुंदर हो उठता है, जब आसपास के झरने बहते हैं और हरियाली चारों ओर फैल जाती है। पिपला गुफा को धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी देखा जाता है, हालांकि यह अभी पर्यटन के मुख्य मानचित्र पर नहीं है। इसके बावजूद, साहसिक पर्यटन (Adventure Tourism) के लिए यह एक बेहतरीन स्थल है।
पिपला गुफा एक विशिष्ट स्थल है, विशेष रूप से ट्रैकिंग, प्रकृति और शांत वातावरण के प्रेमियों के लिए।
एक नज़र में
बाराबार हिल्स में स्थित पीपल गुफा, मौर्य काल की एक प्राचीन चट्टान-कट गुफा है। ऐसा माना जाता है कि इसका उपयोग अजीविका भिक्षुओं द्वारा किया गया था, एक संप्रदाय जो बौद्ध धर्म और जैन धर्म के साथ था। गुफा की दीवारें अत्यधिक पॉलिश हैं, मौर्य रॉक-कट वास्तुकला की एक विशेषता है।
गुफा एक रहस्यमय वातावरण प्रदान करती है, जिसमें गूंज अंदर ध्वनिकी को बढ़ाती है। इतिहासकार और शोधकर्ता इसके शिलालेखों और वास्तुशिल्प शैली का अध्ययन करने के लिए पीपल गुफा का दौरा करते हैं, जो प्रारंभिक भारतीय शिल्प कौशल को दर्शाता है। यह साइट प्राचीन इतिहास में रुचि रखने वालों के लिए एक छिपी हुई मणि बनी हुई है।
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: सितंबर से अप्रैल।
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स: मोबाइल, कैमरा, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की अनुमति है।