सोन भंडार गुफाएं, राजगीर की वैभवगिरी पहाड़ियों में स्थित हैं और इनका निर्माण मौर्यकाल में हुआ माना जाता है। ये दो चट्टानी गुफाएं हैं – एक को “सोन भंडार” कहा जाता है, जिसे राजा बिंबिसार का खजाना छिपाने का स्थान माना जाता है।
गुफाओं की दीवारों पर लिखी गई प्राचीन ब्राह्मी लिपि और उत्कृष्ट पॉलिश दर्शाते हैं कि ये मौर्यकालीन वास्तुकला की अनूठी मिसाल हैं। अंदरूनी संरचना में वह रहस्यमय द्वार है, जिसे अब भी वैज्ञानिकों ने पूरी तरह नहीं खोजा।
स्थानीय मान्यता है कि खजाने का रहस्य अब भी गुफा में छिपा है। यह स्थल न केवल इतिहास प्रेमियों, बल्कि रोमांच के शौकीनों को भी आकर्षित करता है।
सोन भंडार गुफा एक स्थल है, जहाँ इतिहास, रहस्य और अद्भुत वास्तुशिल्प एक साथ मिलते हैं। पास ही स्थित गृद्धकूट पर्वत, शांति स्तूप, और राजगीर रोपवे यात्रा को और भी खास बनाते हैं।
एक नज़र में
सोन भंडार गुफाएं प्राचीन रॉक-कट गुफाएं हैं जो माना जाता है कि मगध साम्राज्य से एक छिपा खजाना तिजोरी है। इनमें जटिल ब्रह्मी शिलालेख हैं।
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: सितंबर से अप्रैल।
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स: मोबाइल, कैमरा, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की अनुमति है।