मानवता की सेवा पर ध्यान केंद्रित करने वाला यह जैन संस्थान पहाड़ियों और बगीचे के बीच स्थित है जो अपने आगंतुकों को शांत और शांति का अहसास देता है।
वीरायतन (दो शब्दों से व्युत्पन्न – “ वीर ” जो भगवान महावीर के लिए खड़ा है और “ एयतन ” जो एक पवित्र स्थान के लिए खड़ा है) भारत में जैन धर्म के सिद्धांतों पर आधारित एक धार्मिक संगठन है। संगठन की स्थापना आचार्य श्री चंदनजी ने 1973 में भगवान महावीर के 2500 वें 'निर्वाण महोत्सव' के अवसर पर की थी। संगठन के तीन मुख्य बिंदु क्षेत्र हैं सेवा (मानवता की सेवा), शिक्षा (शिक्षा), और साधना (आत्म-विकास)। वीरायतन सेवा (मानवता की सेवा) की अवधारणा को बढ़ावा देने वाला एकमात्र जैन संगठन है। इसकी आर्ट गैलरी "श्री ब्राह्मी कला मंदिर" जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों के जीवन को प्रदर्शित करते हुए उनके अहिंसा दर्शन को दर्शाने वाले बेहतरीन पर्यटक आकर्षण हैं। यहाँ के विशाल उद्यान क्षेत्र में विभिन्न तरह के फलों एवं फूलों के पेड़ और आसपास के पहाड़ी क्षेत्र यहाँ आनेवाले पर्यटकों को ताजगी से भरपूर वातावरण का अनुभव कराते है|
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