तख़्त श्री हरमंदिर साहिब जी पटना के कुछ-एक सैकड़ों फुट दूर , गुरुद्वारा गोविन्द घाट है । यह गुरुद्वारा वह स्थान जहाँ पंडित शिव दत्त , भगवान् राम के आराधक को गोविन्द राय के रूप में ईश्वर के दिव्य दर्शन थे जो बाद में बड़े होकर सिखों के १०वें गुरु, गुरु गोविन्द सिंह बने । यह कंगन घाट भी कहलाता है । यह उस घटना का स्मरण कराता है जब गोविन्द राय ने लोगों को सांसारिक वस्तुओं से दूर रहने का सन्देश देते हुए सोने का कंगन नदी में फेंक दिया था ।
आज , गुरुद्वारा गोविन्द घाट एक छोटा सा तीर्थस्थान है नदी काफी समय पहले अपना मार्ग बदल चुकी है और अब तीर्थस्थान के पास से नहीं बहती है, लेकिन पटना साहिब आने वाले सभी श्रद्धालु एक परमात्मा और भौतिकता के अस्थायित्व के ज्ञान से प्रबुद्ध होने हेतु इस गुरूद्वारे में आतें है ।