शेरशाह सूरी का मकबरा, बिहार के सासाराम में स्थित एक भव्य स्मारक है, जो सूर वंश के महान शासक शेरशाह सूरी की समाधि है। यह मकबरा एक सुंदर सरोवर के मध्य स्थित है और वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है। इसका निर्माण 1545 ई. में शेरशाह की मृत्यु के बाद किया गया था। मकबरे की ऊँचाई लगभग 122 फीट है और यह लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है। इसकी मुगल-पूर्वीय वास्तुकला और नक्काशी अद्वितीय है। मकबरे के चारों ओर फैला सरोवर, पुल, और मुख्य प्रवेश द्वार इसकी भव्यता को और बढ़ाते हैं। शाम के समय यहाँ का परिदृश्य अत्यंत आकर्षक होता है। शेरशाह सूरी, जिन्होंने ग्रैंड ट्रंक रोड जैसी ऐतिहासिक योजनाएँ बनाईं, की याद में बना यह मकबरा उनके योगदान को अमर करता है।
शेरशाह सूरी का मकबरा एक स्थल है, जो इतिहास, स्थापत्य कला और अफगानी विरासत को करीब से देखने का अवसर देता है।
एक नज़र में
शेर शाह सूरी का मकबरा, 16 वीं शताब्दी में बनाया गया, सासाराम में एक वास्तुशिल्प कृति है। एक बड़े पानी के टैंक से घिरा, यह भारत-इस्लामी वास्तुकला का एक उदाहरण है और सूरी राजवंश की भव्यता को प्रदर्शित करता है।
मकबरा शेर शाह सूरी की विरासत और शासन के लिए श्रद्धांजलि के रूप में खड़ा है। इसकी जटिल नक्काशी, समरूपता और ऐतिहासिक प्रासंगिकता इसे इतिहास और वास्तुकला प्रेमियों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बनाती है।
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: सितंबर से अप्रैल।
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स: मोबाइल, कैमरा, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की अनुमति है।