पंथ पाकर, सीतामढ़ी जिले से 8 किमी की दूरी पर स्थित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है की प्रभु श्री राम से विवाह के बाद माता सीता को पालकी में बैठा कर इसी मार्ग से अयोध्या ले जाया गया था। यहाँ एक पुराना बरगद का वृक्ष है, जहाँ उन्होंने अयोध्या जाते वक़्त कुछ देर विश्राम किया था।
इस स्थान पर एक पाकर का वृक्ष भी है जिसके चारों ओर विकसित एक अद्भुत पौराणिक स्थल है। यह वृक्ष विस्मयकारी ढंग से एक विशाल क्षेत्र में फैल गया है जो देखने में काफी रोमांचित करने वाला है। पंथ पाकर को पंडौल के नाम से भी जाना जाता है।
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