भितिहरवा आश्रम, बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में स्थित एक ऐतिहासिक स्थल है, जहाँ से महात्मा गांधी ने भारत में सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की थी। यह आश्रम 1917 में स्थापित हुआ था, जब गांधीजी नील की खेती और किसानों के शोषण के विरुद्ध आवाज उठाने चंपारण आए थे।
यहाँ उन्होंने अपने अनुयायियों के साथ मिलकर स्वच्छता, शिक्षा, और सत्याग्रह के सिद्धांतों को लोगों के बीच पहुँचाया। आश्रम आज भी गांधीवादी मूल्यों, ग्राम विकास और आत्मनिर्भरता की प्रेरणा देता है।
भितिहरवा आश्रम परिसर में गांधी स्मृति भवन, पुस्तकालय, और स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी प्रदर्शनी मौजूद हैं। यहाँ प्रतिवर्ष गांधी जयंती और अन्य सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है।
भितिहरवा आश्रम एक स्थल है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो भारत के स्वतंत्रता आंदोलन और गांधीवाद के इतिहास को महसूस करना चाहते हैं।
एक नज़र में
एक ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण आश्रम जहां महात्मा गांधी चंपारण सत्याग्रह के दौरान रहे।
यह साइट भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में बिहार की भूमिका को दर्शाती है और आगंतुकों के लिए एक प्रेरणादायक अनुभव प्रदान करती है।
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: सितंबर से अप्रैल।
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स: मोबाइल, कैमरा, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की अनुमति है।