लौरिया नंदनगढ़ पश्चिमी चंपारण जिले का एक छोटा सा शहर है, जो इतिहास की कई महत्वपूर्ण घटनाओं का गवाह रहा है। इस शहर का मुख्य आकर्षण खुदाई के दौरान पाया जाने वाला अशोक स्तंभ है जो मौर्य काल के गौरवशाली इतिहास को दर्शाता है।
सम्राट अशोक द्वारा निर्मित स्तंभ की ऊंचाई 32 फीट है, जिसके लिए बलुआ पत्थर का उपयोग किया गया है और स्तंभ के शीर्ष पर एक गोलाकार अबाकस है जिस पर शेर की मूर्ति खड़ी है।
अशोक स्तंभ से 2 किमी की दूरी पर, इसकी दक्षिण-पश्चिम दिशा में नंदनगढ़ नामक एक टीला है, जो एक विशाल स्तूप का अवशेष है। लौरिया नंदनगढ़ एक प्रमुख पर्यटन स्थल और यहां की यात्रा करने के लिए एक आवश्यक स्थान है।
एक नज़र में
एक अच्छी तरह से संरक्षित अशोक स्तंभ और प्राचीन स्तूपों का घर, यह स्थल भारत में बौद्ध धर्म के ऐतिहासिक प्रसार को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।
यह इतिहास प्रेमियों के लिए एक जरूरी यात्रा है, जिसमें सम्राट अशोक के समय से जटिल नक्काशी और शिलालेख शामिल हैं।
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: सितंबर से अप्रैल।
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स: मोबाइल, कैमरा, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की अनुमति है।