आरण्य देवी मंदिर देवी आरण्य को समर्पित है, यानी जंगलों या रेगिस्तान की पीठासीन देवता।
एक वन देवता की पूजा काफी असामान्य है। लगभग 1812 में, बुकानन ने आरा का दौरा किया और स्थानीय पंडितों द्वारा बताया गया कि शहर का नाम अरण्य से लिया गया था, यानी 'एक बंजर भूमि' या 'वन'। यह बताता है कि आधुनिक आरा के आसपास का पूरा क्षेत्र एक बार भारी वन था।
एक नज़र में
देवी आरण्य देवी को समर्पित एक पवित्र मंदिर, जिसे हजारों भक्तों द्वारा सम्मानित किया जाता है।
यह नवरात्रि के दौरान एक लोकप्रिय स्थल है, जो पूरे बिहार से तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है।
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: सितंबर से अप्रैल।
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स: मोबाइल, कैमरा, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की अनुमति है।