हेन त्सांग मेमोरियल हॉल, बिहार के नालंदा में स्थित एक भव्य स्मारक है, जो प्रसिद्ध चीनी बौद्ध हेन त्सांग (Xuanzang) की स्मृति में बनवाया गया है।
हेन त्सांग 7वीं शताब्दी में भारत आए और उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय में वर्षों अध्ययन और अनुवाद कार्य किया। यह हॉल उनकी बौद्ध शिक्षा, अनुवाद कार्य और भारत-चीन सांस्कृतिक पुल को समर्पित है। इस मेमोरियल में हेन त्सांग से जुड़ी मूर्तियाँ, चित्र, अनुवाद ग्रंथ, और वृत्तचित्र प्रदर्शित किए गए हैं। परिसर में एक सुंदर उद्यान और ध्यान स्थल भी है, जहाँ शांति का अनुभव किया जा सकता है।
हेन त्सांग मेमोरियल हॉल एक स्थल है, जो नालंदा की गौरवशाली बौद्ध शिक्षा परंपरा और अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाता है।
एक नज़र में
हेन त्सांग मेमोरियल हॉल चीनी यात्री ह्यूएन सांग को समर्पित है, जिन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय में अध्ययन किया था। हॉल प्राचीन पांडुलिपियों, अवशेषों और भारत के माध्यम से उनकी यात्रा को प्रदर्शित करता है।