बिहार संग्रहालय, पटना में स्थित एक आधुनिक और विश्वस्तरीय संग्रहालय है, जिसे बिहार की प्राचीन, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और प्रदर्शित करने के उद्देश्य से वर्ष 2015 में आम जनता के लिए खोला गया। इसकी वास्तुकला जापानी और भारतीय शैली का सुंदर समन्वय है।
यह संग्रहालय विभिन्न दीर्घाओं में विभाजित है, जैसे इतिहास गैलरी, कला गैलरी, बाल संग्रहालय, मूर्तिकला अनुभाग, और शौर्य गैलरी, जहाँ मौर्य, गुप्त, पाल कालीन कलाकृतियाँ, सिक्के, शिलालेख, और लोक संस्कृति को आधुनिक तकनीक से दर्शाया गया है।
बिहार संग्रहालय की विशेषता यह है कि यह केवल प्रदर्शन नहीं करता, बल्कि इंटरएक्टिव अनुभव के माध्यम से इतिहास को जीवंत करता है। यहाँ की “डायोरामा”, विज़ुअल स्क्रीनिंग, और संवेदनशील ध्वनि प्रभाव दर्शकों को इतिहास में ले जाते हैं।
एक नज़र में
पटना का बिहार संग्रहालय एक आधुनिक संग्रहालय है जो बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक, कलात्मक और ऐतिहासिक विरासत को प्रदर्शित करता है। इसमें प्राचीन कलाकृतियां, मूर्तियां, पांडुलिपियां और मौर्य काल के अवशेष हैं, जिनमें एक जीवन आकार अशोक स्तंभ शामिल है।
संग्रहालय अपने इंटरैक्टिव प्रदर्शन और अच्छी तरह से संगठित दीर्घाओं के लिए जाना जाता है, जिससे यह आगंतुकों के लिए एक शैक्षिक और आकर्षक अनुभव बन जाता है। यह बिहार के गौरवशाली अतीत की खोज करने वाले इतिहास प्रेमियों, छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए एक आवश्यक गंतव्य के रूप में कार्य करता है।
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: पूरे साल दौर।
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स: मोबाइल, कैमरा, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की अनुमति है।