दुनिया में ऐसे कई किले हैं, जो अपने आप में कई रहस्य समेटे हुए हैं। ऐसा ही एक किला बिहार के रोहतास जिले में स्थित है, जिसे 'शेरगढ़ का किला' कहा जाता हैं। कैमूर की पहाड़ियों पर मौजूद इस किले की बनावट दूसरे किलों से बिल्कुल अलग है। यह किला इस तरह से बनाया गया है कि बाहर से यह किला किसी को भी नहीं दिखता। किला तीन तरफ से जंगलों से घिरा हुआ है, जबकि इसके एक तरफ दुर्गावती नदी है। इस किले में सैकड़ों सुरंगें और तहखाने हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि ये सुरंगें कहां खुलती हैं, इसके बारे में आज तक किसी को भी पता नहीं चला। किले के अंदर जाने के लिए एक सुरंग से होकर गुजरना पड़ता है जो की आपको कुछ समय के लिए इतिहास में होने का अनुभव कराता है| कहते हैं कि अगर इन सुरंगों को बंद कर दिया जाये, तो किला किसी को दिखाई भी नहीं देगा। कहते हैं कि इस किले को शेरशाह सूरी ने अपने दुश्मनों से बचने के लिए बनवाया था। इस किले को इस तरह बनवाया गया है कि हर दिशा में अगर दुश्मन कोसों दूर भी रहे तो उसे आते हुए साफ-साफ देखा जा सकता है। वो अपने परिवार और सैनिकों के साथ यही पर रहते थे। बताया जाता है कि ये किला सन् 1540 से 1545 के बीच बना है। कहते हैं कि यहाँ बने इन सुरंगों का राज सिर्फ शेरशाह सूरी और उनके भरोसेमंद सैनिकों को ही पता था। इस किले से एक सुरंग रोहतास गढ़ किले तक जाती है, लेकिन बाकी सुरंगें कहां जाती हैं, ये किसी को नहीं पता। यह किला अतीत के पन्नो में सर्वश्रेष्ठ हुआ करता था| प्राचीन इमारतों से प्रेम रखने वालों को यहाँ एक बार जरूर आना चाहिए|
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