राजा विशाल का गढ़, वैशाली जिले में स्थित एक ऐतिहासिक स्थल है, जिसे विश्व के सबसे पहले गणराज्य की राजधानी माना जाता है। यह स्थल लिच्छवी वंश के राजा विशाल का दुर्ग था, जहाँ सभा और प्रशासनिक बैठकें हुआ करती थीं।
गढ़ की बाहरी दीवारें 1000 मीटर से अधिक में फैली हुई हैं और इसकी प्राचीरें आज भी उस गौरवशाली युग की गवाही देती हैं। पुरातात्विक दृष्टि से यह स्थल महत्त्वपूर्ण है, जहाँ से अनेक मृदभांड, मुद्राएँ, और हथियार प्राप्त हुए हैं। यहाँ से जुड़ी महत्त्वपूर्ण कथा यह भी है कि महात्मा बुद्ध और भगवान महावीर ने भी वैशाली में प्रवास किया था।
राजा विशाल का गढ़ एक स्थल है, जहाँ भारत के सबसे प्राचीन लोकतंत्र, गणराज्य प्रणाली और वैदिक शासन व्यवस्था की झलक मिलती है।
एक नज़र में
वैशाली में एक प्राचीन किला परिसर, राजा विशाल का गढ़ वजी गणराज्य से जुड़ा हुआ है, जो इतिहास में सबसे पुराने ज्ञात लोकतंत्रों में से एक है।
यह स्थल, अपने विशाल अवशेषों के साथ, प्रारंभिक शासन प्रणालियों में एक झलक प्रदान करता है और महान पुरातात्विक महत्व का है।
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: सितंबर से अप्रैल।
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स: मोबाइल, कैमरा, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की अनुमति है।